फतेहपुर नए सीएमओ के सामने भी चुनौती होगी बंगाली झोलाछापों पर कार्रवाई
फतेहपुर नए सीएमओ के सामने भी चुनौती होगी बंगाली झोलाछापों पर कार्रवाई
कुछ दिनों पहले ही जिले के दो बंगाली झोलाछापों के खिलाफ हुई है कार्रवाई
बिना डिग्री के डॉक्टर चीड़-फाड़ से लेकर देते है हर मर्ज की दवा
बिना पढ़े-लिखे डॉक्टर बने बैठे है बंगाली बाबू
हर मर्ज की एक दवा ‘ झोलाछाप बंगाली दवाखाना’
फतेहपुर शहर, बहुआ, थरियांव,शाह,हुसेनगंज,छिवलहा समेत पूरे जिले में है मौत की दुकानें
फतेहपुर जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाना जिले के स्वास्थ्य महकमें के नए मुखिया के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा, क्यों कि जिले में कई दशक से बिना डिग्री के बंगाली झोलाछापों के वर्चश्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ भी ना होने के बाद भी जिले में उनकी मौत की दुकान चमक रही है, जो ग्रामीण इलाकों की जनता से इलाज के नाम पर मोटा पैसा वसूल कर अपनी जेबें भरने में जुटे है, पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के ये झोलाछाप जिले में अपनी दुकानें सजाए बैठे थे, हर मर्ज का इलाज करने की बात कहकर लोगों से मोटा पैसा वसूलने वाले इन बंगाली झोलाछापों ने बाहर से आकर जिले में अकूत संपत्ति बनाई है, अभी कुछ ही दिनों पहले जिले के दो बंगाली झोलाछापों के खिलाफ एमओआईसी की कार्रवाई की है, जिले में कोई भी कस्बा ऐसा नहीं है जहां इन बंगाली झोलाछापों की दुकान ना सजी हो...लोगों को सस्ती दवाओं का लालच देकर पैसा ऐठने वाले इन बंगाली झोलाछापों के कारनामे जग हाजिर है...बंगाली झोलाझापों के यहां तो आपको हरदम लंबी-लंबी कतारें भी देखने को मिल जाएंगी...इन झोलाछापों के इलाज से आए दिन किसी ना किसी बंगाली झोलाछाप के यहां किसी ना किसी मरीज की हालत खराब हो जाती है...लेकिन जिले के स्वास्थ्य महकमें में लंबी सेटिंग की बदौलत ये एक झटके में सब कुछ ठीक कर लेते थे लेकिन लगता है कि अब इनकी दुकानदारी को जिले में पूरी तरह ख्तम करते ही विभाग चैन से बैठेगा।
रिपोर्ट- संदीप शुक्ला. जिला संवाददाता फतेहपुर