भारतीय किसान यूनियन का गोरिल्ला आंदोलन मुआवजे और सड़क निर्माण की मांगों पर प्रशासन से सहमति
भारतीय किसान यूनियन का गोरिल्ला आंदोलन मुआवजे और सड़क निर्माण की मांगों पर प्रशासन से सहमति
प्रयागराज। भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष अनुज सिंह के नेतृत्व में प्रयागराज में किसानों और मजदूरों ने गोरिल्ला आंदोलन और धरना प्रदर्शन किया। यह आंदोलन विभिन्न मुद्दों, जैसे मुआवजा, सड़कों का निर्माण, बिजली कटौती और आवारा पशुओं से सुरक्षा जैसी समस्याओं को लेकर आयोजित किया गया। इस प्रदर्शन के बाद प्रशासन और विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से वार्ता के दौरान किसानों की प्रमुख मांगों पर सहमति बनी।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग थी कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा सड़क चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित जमीनों के भू-स्वामियों को उचित मुआवजा जल्द से जल्द दिया जाए। किसानों और भवन स्वामियों का आरोप है कि बिना मुआवजा दिए उनके मकानों को तोड़ा जा रहा है, जिसे तुरंत रोका जाए। इसके अलावा, सड़कों के किनारे मकानों पर लाल निशान लगाने के विरोध में भी लोगों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई।
सड़कों की जर्जर स्थिति को लेकर भी प्रदर्शनकारियों ने आवाज उठाई। भगवतपुर विकासखंड और अन्य क्षेत्रों में कई स्थानों पर जर्जर सड़कों के जल्द से जल्द निर्माण की मांग की गई, जिससे ग्रामीणों को आने-जाने में हो रही समस्याओं का समाधान हो सके। इसके अलावा, खेलगांव में बंद पड़े अंडरपास पुलिया को फिर से शुरू करने की भी मांग की गई, जिससे सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
प्रदर्शनकारियों ने विद्युत विभाग से बिजली कटौती को बंद करने और किसानों को 18 घंटे बिजली उपलब्ध कराने की भी मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि विद्युत विभाग द्वारा बिजली बिल संशोधन के अनुरोधों को अनदेखा किया जा रहा है, जिससे कई उपभोक्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इसके अलावा, जिले की नहरों में पानी छोड़े जाने की भी मांग उठाई गई ताकि किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध हो सके। साथ ही, आवारा पशुओं से फसलों की सुरक्षा के लिए गौशालाओं के निर्माण की भी मांग की गई।
आंदोलन में किसानों ने कुंभ कार्यों में हो रही धांधली का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से कार्यों की गुणवत्ता में कमी आई है और इसकी जांच की जानी चाहिए।
इस आंदोलन के दौरान भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधियों ने एडीसनल डीसीपी और विकास प्राधिकरण के सचिव के साथ बातचीत की। प्रशासन ने किसानों की मांगों के निस्तारण का आश्वासन दिया। आंदोलन में हजारों किसान और मजदूर शामिल हुए, जिनमें महिला मोर्चा की सदस्य भी शामिल थीं।
रिपोर्ट- मो रिजवान अंसारी. जिला संवाददाता इलाहाबाद