हौसला बुलंद हो तो लक्ष्य को पाने में कठिनाइयां आड़े हाथ नहीं आती
हौसला बुलंद हो तो लक्ष्य को पाने में कठिनाइयां आड़े हाथ नहीं आती
सुलतानपुर एक कहावत है कि अगर हौसला बुलंद हो तो लक्ष्य को प्राप्त करने में कठिनाइयां कभी आड़े हाथ नहीं आती कुछ ऐसा ही करिश्मा जिला सुल्तानपुर जहां पर एक ऑफिसर फैमिली परिवार के मुखिया माता-पिता की कड़ी का मेहनत व आशीर्वाद के चलते जो निरंतर इनके पुत्र व पुत्री सभी सफलता प्राप्त कर अपने गुरु जनों का नाम रोशन किया है। यह कहावत भले ही सदियों पुरानी हो गई हो किंतु आज भी देखा जाए तो साकार रूप में पाया जाता है उक्त प्रकरण बरवारीपुर कादीपुर जनपद सुलतानपुर के द्विवेदी परिवार की है जहां पर श्री बंश राज द्विवेदी खेती को प्राथमिकता देते हुए भारतीय जीवन बीमा में अधिकारी रहे। ब्राह्मण कुल के सर्वोच्च कुल सरार दुबे परिवार की कहानी है कि उनकी बड़ी बेटी प्रियंका द्विवेदी जो सबसे बड़ी थी उन्होंने अर्थशास्त्र से पीएचडी किया जिनका अनुशरण करके उनके पांच भाई एवं सबसे छोटी बहन प्रिया भी यूपीएससी की परीक्षा पास कर लोक सेवक बन गई। बताया गया है की बड़ी बहन प्रियंका इन सब छोटों को पढ़ने के लिए हमेशा फटकार लगाती थी तथा पढ़ाई पर जोर देती थी भाई रवि शंकर द्विवेदी जो वर्तमान में प्रयागराज में जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर कार्यरत है। यह इसके पूर्व भी भारत सरकार में सेवारत रहे हैं। रविशंकर द्विवेदी केएनआई टी सुल्तानपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक है। दूसरे भाई निश्चय द्विवेदी भी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं। तीसरे भाई निखिल द्विवेदी आर एफ ओ के रूप में कार्यरत हैं। निखिल निट तिरुचिरापल्ली से इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। चार नंबर पर निर्भय द्विवेदी जो चकबंदी अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। निर्भय समाजशास्त्र में परास्नातक हैं। पांचवें शिवम द्विवेदी इसी वर्ष पीसीएस परीक्षा से चयनित होकर सब रजिस्टार के पद पर कार्यरत हैं। शिवम ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के खालसा कॉलेज से बीएससी ऑनर्स और दिल्ली विश्वविद्यालय से ही लॉ की डिग्री हासिल की है। इन पांचो भाइयों के बाद सबसे छोटी बहन प्रिया द्विवेदी जो इस बार यूपीएससी की परीक्षा पास कर अस्सिटेंट कमिश्नर के रूप में चयनित हुई हैं। प्रिया की शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित रामजस कॉलेज से हुई है। इन्हीं के साथ निखिल द्विवेदी भी यूपीएससी की परीक्षा पास कर वर्तमान में असिस्टेंट कमिशनर के पद के लिए चयनित हुए हैं। इस परिवार की प्रगति से उनके पिता बंशराज द्विवेदी एवं माता शान्ति द्विवेदी अपनी पूर्व जन्म की तपस्या का फल बता रहे हैं श्री वंश राज द्विवेदी उम्र 65 वर्ष में बताया की मुझे खेती से अधिक लगाव था मेहनत जरूर करनी पड़ती थी लेकिन बच्चों को पढ़ते देखकर, उनकी लगन को देखकर मैं कभी अपने को थका महसूस नहीं किया आज जो भी मुझे गर्व महसूस होता है इसी क्रम में जब निखिल द्विवेदी एवं प्रिया द्विवेदी से पूछा गया तो उन्होंने प्रेस वार्ता में अपनी सफलता का राज अपने बड़े भाइयों माता-पिता एवं गुरुओं को दिया जिनके मार्गदर्शन में आज इस ऊंचाई को हम लोग छू सके हैं इन लोगों का आशीर्वाद हमेशा हम लोगों पर बना रहा परिणाम स्वरूप आज भी हम यह कामना करते हैं जिला पंचायत राज्य अधिकारी प्रयागराज रवि शंकर द्विवेदी से पूछा गया तो उन्होंने भी सरस्वती विद्या मंदिर के गुरुओं माता-पिता एवं अपनी बड़ी बहन प्रियंका के बारे में बताया कि इन सब का आशीर्वाद हम लोगों को कामयाबी की ओर ले जा रहा है उन्होंने प्रश्न काल के दौरान यह भी कहा कि मनुष्य की लक्ष्य और उसकी दूरदर्शिता के साथ शिक्षा संस्कार और समर्पण की भावना मनुष्य को उसके लक्ष्य तक पहुंचने में सफल हमेशा रही है और जो लोग लक्ष्य बना करके किसी भी कार्य को करते हैं वह निश्चित ही एक दिन उसे लक्ष्य को छू लेते हैं श्री द्विवेदी जी बड़े ही भाव एवं सहज स्वभाव के हैं जो जनपद कौशांबी में अभी तक कार्यरत थे उनके कार्यों की मिलने की सराहना आज भी लोग पीठ पीछे कर रहे हैं श्री बंशराज द्विवेदी से जब वार्ता हुई तो उन्होंने बताया कि मुझे खेती करने में भी मजा आ रहा था बच्चों को पढ़ने में उनके पीछे खर्च करने में मुझे बड़ा आनंद आता था उन्होंने हास्य व्यंग में जब पूछा कि इन बच्चों को सबसे अधिक कौन मारता था तो उन्होंने बताया कि बच्चों की माताजी क्योंकि वह प्रतापगढ़ की थी इसलिए वह सबको डॉट लगाकर कर अपने अनुशासन में रखती थी इसलिए आज भी सभी बच्चे माता शांति जी से आज भी डरते रहते हैं इस सफलता से जिला एवम प्रदेश का नाम रोशन किया है द्विवेदी परिवार में काफी खुशी का माहौल है लोग घर पर भारी संख्या में बधाई दें रहे है।
रिपोर्ट- मो फिरोज सिद्धकी.. जिला संवाददाता प्रतापगढ़