प्रयागराज मे स्मार्ट सिटी के नाम पर सड़क पर बिखरा कूड़ा नगर निगम की व्यवस्थाओं पर उठे सवाल
प्रयागराज मे स्मार्ट सिटी के नाम पर सड़क पर बिखरा कूड़ा नगर निगम की व्यवस्थाओं पर उठे सवाल
प्रयागराज। वाराणसी की आवाज। करैली क्षेत्र के करामत चौकी स्थित शर्मा हीटर व ममता स्टूडियो के पास लगे ट्रांसफार्मर के आसपास का दृश्य शहर की स्वच्छता व्यवस्थाओं पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है। स्थानीय निवासियों द्वारा सड़क के किनारे कूड़ा फेंकने का सिलसिला लगातार जारी है। स्थिति यह है कि कुछ लोग तो अपने घरों का कूड़ा पॉलिथीन में बांध कर दोपहिया वाहनों से लाते हैं और धीरे से सड़क के किनारे फेंक जाते हैं। यह नजारा केवल करैली क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे शहर के विभिन्न इलाकों में देखने को मिल सकता है।
शहर को स्मार्ट सिटी कहने का दावा किया जाता है, लेकिन ट्रांसफार्मर के इर्द-गिर्द बिखरे कूड़े के दृश्य से इस दावे की पोल खुलती नजर आती है। सड़क पर बिखरे कूड़े के ढेर न केवल शहर की सुंदरता को धूमिल कर रहे हैं, बल्कि यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म दे रहे हैं। कूड़े के ढेरों से उत्पन्न दुर्गंध और मच्छरों का प्रकोप स्थानीय निवासियों के जीवन को कठिन बना रहा है।
दूसरी ओर, नगर निगम की गाड़ियों पर लगातार यह प्रचार किया जा रहा है कि "गाड़ी वाला आया, घर से कूड़ा निकाल"। यह प्रचार प्रसार सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह गया है, क्योंकि सड़कों पर कूड़े की भरमार यह स्पष्ट करती है कि नगर निगम की गाड़ियाँ समय पर कूड़ा नहीं उठा पा रही हैं या फिर नागरिक इस व्यवस्था का पालन नहीं कर रहे हैं।
इस गंभीर समस्या का समाधान निकालने के लिए नगर निगम को कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। साथ ही, नागरिकों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और सड़कों पर कूड़ा फेंकने से बचना होगा। कूड़ा प्रबंधन के लिए जागरूकता अभियान चलाना भी आवश्यक है, जिससे लोग समझ सकें कि स्वच्छता केवल नगर निगम की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है।
समय रहते अगर इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो "स्मार्ट सिटी" का सपना कूड़े के ढेरों के बीच कहीं गुम हो जाएगा।
रिपोर्ट- मो रिजवान अंसारी. जिला संवाददाता इलाहाबाद