फतेहपुर क्या प्रतिशोध की आग में जल रहा फतेहपुर का टोल प्लाजा
फतेहपुर क्या प्रतिशोध की आग में जल रहा फतेहपुर का टोल प्लाजा
*चुन चुन कर बदला लेने पर आमादा है थाना कल्याणपुर फतेहपुर टोल प्लाजा*
*गाड़ी में यदि प्रेस लिखा पाया गया तो द्ववेश भावना रख कर सलूक करते हुए सघन चेकिंग अभियान चला देते है टोल कर्मचारी*
*टोल पार कराने के लिए एक पत्रकार के साथ स्वयं कल्याणपुर थाना इंचार्ज को साथ जाना पड़ा*
*पत्रकार यदि किसी घटना कवरेज पर दिन में दो बार आते जाते हैं तो उन्हें दिन में दो बार देना होता टोल*
*देश के सम्मानित पद, पत्रकारिता को किसी संदिग्ध अपराधिक नजरो से देखते है टोल कर्मचारी*
*२४ घंटे सुरक्षा प्रदान करने वाले संबंधित थाने की पुलिस को भी नही सुन रहें बेलगाम टोल कर्मचारी*
*प्रतिशोध कें चलते पत्रकारों के संग किसी बड़ी घटना की फ़िराक में लगे है टोल कर्मचारी*
*पत्रकार सम्मान वा सुरक्षा की दृष्टिगत कृपया ध्यान दे जिला प्रशासन*
*रात और दिन कही भी हुई घटना में जाते समय पत्रकार किसी सुरक्षा कवच में नहीं रहता और न ही उसके संपर्क इतने व्यापक होते हैं की पत्रकार पर कोई टेड़ी नजर डालने से पहले सोच विचार कर ले।*
*लेकिन पत्रकार उत्पीड़न संबंधित किसी भी प्रकार की घटना या पत्रकार सम्मान छती होने पर पत्रकार जिले के अधिकारी जिलाधिकारी या पुलिस अधीक्षक के समक्ष जरूर अपनी समस्या को दर्शाएगा जिनको वो अपना सम्मान वा सुरक्षा कवच की उम्मीद समझता है*
*बीते कुछ दिनों पूर्व जिला फतेहपुर के थाना कल्याणपुर क्षेत्र के अंतर्गत टोल प्लाजा में अपनी आदत के अनुसार जिले के लोकल अखबार के संपादक के साथ टोल कर्मचारियों द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार पर आहत पत्रकारों ने पत्रकार कल्याण समिति के अध्यक्ष राहुल त्रिवेदी के नेतृत्व में लगभग दो सैकड़ा पत्रकारों ने प्रार्थना पत्र के माध्यम से अपनी बात रखी थी । जिसपर पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह ने टोल कर्मियों को फटकार लगाते हुए कहा की भले से पत्रकारों को टोल की छूट नहीं लेकिन संबंधित घटना क्रम में जाकर कवरेज करना पत्रकार कही न कहीं शासन का ही काम करता है इस लिए आदेश न सही सम्मान तो दिया ही जा सकता है वही टोल कर्मियों की अभद्रता पर कार्यवाही करते हुए एस पी ने आदेशित भी किया।*
*इस कार्यवाही पर पत्रकारों ने पुलिस अधीक्षक का धन्यवाद व्यक्त किया जिसकी खूब सराहना भी रही*
*इसी आदेश के प्रतिशोध कें चलते कल्याणपुर टोल प्लाजा के कर्मियों द्वारा ये कह कर की हम लोगों ने अपनी अपनी जमानत करा ली है । अब पत्रकार अपनी समझे यहां पत्रकारों के लिए छूट के हमारे पास कोई आदेश नहीं है इसलिए चाहे जो भी हो टोल अदा करके ही जाना है यदि कोई पत्रकार किसी घटना क्रम का हवाला देता भी हैं तो सीघा जवाब नही कोई छूट नहीं*
*इस संबंध में जब एक पत्रकार ने मौके पर कल्याणपुर थाना इंचार्ज से बात की तो उन्होंने इतना सहयोग किया,बोले चलिए मैं आज निकलवाए देता हूं लेकिन मामला गंभीर है इसे आप लोग अपने स्तर से देखे*
*यहां सवाल ये भी है की कितने पत्रकारों के पास चार पहिया वाहन है यदि पत्रकार अपनी आय और व्यय की स्थिति के चलते एक वाहन में पांच पत्रकार एक साथ कवरेज करने के लिए अपनी सुविधा तलाश करता है तो कोन सी बात दीगर कहलाएगी*
*वही टोल कर्मियों की इस छीर्ण मानसिकता पर ग्रामीण, आंचलिक वा शहरी पत्रकारों में खासा रोष देखा जा रहा बार बार हो रही इस अभद्रता पर पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से लेकर प्रेस कौंसिल ऑफ इंडिया से मिलने की बात कर रहें।