•   Wednesday, 27 Nov, 2024
Muharram is today in memory of the martyrdom of Hazrat Imam Hussain District administration and poli

हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मुहर्रम आज जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन एक्टिव मूड में चप्पे चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था के चाक चौबंद इंतजाम

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  Varanasi ki aawaz

हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मुहर्रम आज जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन एक्टिव मूड में चप्पे चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था के चाक चौबंद इंतजाम


जिले में कुल 761 ताजिया रखी गई जिले के छोटे बड़े कुल 345 ताजिया जुलूस निकाले जाएंगे


प्रतापगढ़। वाराणसी की आवाज। आज दिन बुधवार को हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मुहर्रम इस्लाम धर्म का एक सबसे अहम त्योहार माना जाता है और इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है. इस महीने का दसवां दिन यौमे आशूरा के रूप में मनाया जाता है, जो मुसलमान लोग इस दिन को मातम और शोक के रूप में मनाते हैं. इसी दिन कर्बला की जंग में पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के छोटे नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी. इस महीने को इमाम हुसैन की शहादत के रूप में मनाया जाता है

एक तरफ जहां मोहर्रम को इस्लामिक नए साल के रूप में मनाया जाता है। वहीं इसे मातम का दिन भी माना जाता है। बता दें कि मोहर्रम की 10 वीं तारीख को यौम-ए-आशूरा के नाम से भी जाना जाता है। इस्लामी मान्यताओं के अनुसार इस दिन हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी। हजरत इमाम हुसैन को इस्लाम धर्म का संस्थापक माना जाता है। वह हजरत मुहम्मद साहब के छोटे नवासे थे। ऐसे में हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मोहर्रम के 10वें दिन को लोग मातम के रूप में मनाते हैं, जिसे आशूरा कहा जाता है। वहीं कुछ लोग इस दिन इमाम हुसैन की शहादत की याद में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहर के चौंक घंटाघर,सिबटैन रोड,पुराना माल गोदाम रोड,सदर बाजार आदि जगहों से ताजिया जुलूस निकाले जाते हैं।
हालांकि मुहर्रम त्योहार को शान्ति व्यवस्था के साथ सम्पन्न कराने में जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए और शहर के सभी प्रमुख जगहों पर पुलिस  कड़ी निगरानी रख रही है मुहर्रम को लेकर शिया और सुन्नी दोनों समुदाय के लोग इस दिन को अलग-अलग तरीके से मनाते हैं। कहते हैं कि इस दिन रोजा रखने से अल्लाह खुश होते हैं इस दौरान सुन्नी समुदाय के लोग 9 और 10 वीं तारीख को रोजा रखते हैं, तो वहीं शिया समुदाय के लोग 1 से 9 तारीख के बीच में रोजा रखते हैं और लोग गमजदा होकर ताजिए निकालते हैं
इस्लामी कैलेंडर के अनुसार 17 जुलाई को देशभर भर में आशूरा मनाया जाएगा.आशूरा के दिन ही ताजिए निकाले जाएंगे और ताजियादारी की जाएगी. आशूरा यानी मुहर्रम के माह के दसवें दिन इस्लाम की हिफाजत करने वाली कर्बला की जंग में इमाम हुसैन सबसे छोटे लड़के थे,जो लड़ने के वक्त शहीद हो गए थे।

रिपोर्ट- मो फिरोज सिद्धकी.. जिला संवाददाता प्रतापगढ़
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