•   Monday, 25 Nov, 2024
Played a lot in Sambhal Gunnaur CHC thousands of rupees of checks and medicines are being written fr

सम्भल गुन्नौर सीएचसी में बहुत बडा खेला मरीजों की जेब काटने के लिए बाहर से लिखी जा रही हैं हजारों रूपये की जाँचे और दवाएं

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  Varanasi ki aawaz

गुन्नौर सीएचसी में बहुत बडा खेला, मरीजों की जेब काटने के लिए बाहर से लिखी जा रही हैं हजारों रूपये की जाँचे और दवाएं

 

गुन्नौर/संभल।* शासन-प्रशासन की जीरो टॉलरेंस की नीति और लाख प्रयास के बाद भी सीएचसी गुन्नौर में कमीशनखोरी के खेल पर अंकुश नहीं लग पा रहा है मरीजों को निःशुल्क दवा और निःशुल्क जांच देने की व्यवस्था है लेकिन डाक्टर बाहर की कमीशन वाली दवा और जांचे बाहर से कराने हेतु सरकारी पर्ची के साथ एक छोटी से पर्ची पर लिख कर मालामाल हो रहे हैं।

यहां दुर्घटना और गंभीर हालात वाले मरीज़ को तत्काल दवा उपलब्ध कराने के बजाय परिजन को दवा लेने के लिए बाहर भेज दिया जाता है इतना ही नहीं जिन मेडीकलों या जांच केन्द्रों पर परिजन को भेजा जाता है या तो वो अस्पताल में काम कर रहे संविदाकर्मियों के होते हैं या फिर इन्हें अप्रत्यक्ष रूप से मोटी कमीशन उपलब्ध कराते हैं ऐसा ही एक मामला कल चर्चा का विषय बना रहा जहां अस्पताल में तैनात संविदाकर्मी डाक्टर मीना बजमी ने डूंडाबाग से आयी एक गर्भवती महिला को तैतीस सौ रूपये की जांचे लिख गुन्नौर में सेवा नाम से चल रहे अपने निजी अस्पताल पर रेफर कर दिया और हद तो यहां तक कर दी कि सीबीसी जैसी साधारण जांच को भी अस्पताल में नहीं कराया। निजी अस्पताल में जाँच कराने के बाद जब मरीज के परिजनों ने इतनी मोटी रकम देने का विरोध किया तो निजी अस्पताल कर्मियों ने मामला तूल पकड़ता देख सोलह सौ रूपये लेकर रफह-दफह कर ली।

सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज के साथ-साथ जांच व दवा उपलब्ध करने का दावा तो किया जाता है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ अलग ही है। यही नहीं कम दाम पर बेहतर दवा उपलब्ध कराने के लिए स्थापित जनऔषधि केंद्र भी कमीशन के आगे बेकार साबित हो रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि शिकायत के बाद भी हर बार स्वास्थ्य महकमा कार्रवाई व सख्त कदम उठाने का आश्वासन लोगों देकर अपना पल्ला झाड़ लेता है। वहीं यहां के आपातकालीन कक्ष का हाल तो यह है कि मरीजों व परिजनों को पता ही नहीं चलता कि यहां कौन स्वास्थ्य कर्मी है व कौन चिकित्सक। ऐसी स्थिति में परिजन मरीजों के इलाज के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं।

इस संबंध में सीएमओ संभल पंकज विश्नोई ने बताया कि आपातकालीन कक्ष में तत्काल उपचार के लिए सभी दवा और आवश्यक जांचे उपलब्ध रहती है। जिनकी समय-समय पर इसकी जांच भी की जाती है। इसके बाद भी तैनात स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा इस तरह का कार्य कर रहें है तो जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी। 

 

*वर्जन : पवन कुमार, चिकित्साधिकारी, सीएचसी, गुन्नौर* इस तरह की कोई भी शिकायत मेरे संज्ञान में आती है तो मैं दोषियों खिलाफ उचित कार्रवाई करते हुये अपने उच्चाधिकारी को अवगत कराऊंगा और अगर ऐसा हुआ है तो ये बेहद खेदजनक और गलत है।

सभाल से ब्रजेश कुमार

रिपोर्ट-वृजेश कुमार यादव.सम्भल
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