प्रयागराज विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर इनाया फाउंडेशन एवं लायंस क्लब इलाहाबाद अनुपम के द्वारा जन्मजात दिव्यांगता से संबंधित को ध्यान में रखते हुए निशुल्क शिविर का किया गया आयोजन
प्रयागराज विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर इनाया फाउंडेशन एवं लायंस क्लब इलाहाबाद अनुपम के द्वारा जन्मजात दिव्यांगता से संबंधित को ध्यान में रखते हुए निशुल्क शिविर का किया गया आयोजन
प्रयागराज सेरेब्रल पाल्सी एवं आर्थिक समस्या से प्रभावित बच्चों के लिए समर्पित संस्था इनाया फाउंडेशन एवं लायंस क्लब इलाहाबाद अनुपम प्रयागराज के सहयोग से जन्मजात दिव्यांगता एवं बच्चों के हड्डी से संबंधित समस्याओं को ध्यान में रखते हुए निशुल्क शिविर करैली के पहलवान तिराहे से कुछ ही दूरी पर स्थित इनाया फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित हॉस्पिटल पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में शामिल सभी पदाधिकारी गणों को सम्मान स्वरूप फूलों की माला पहनाया गया साथ ही मोमेंटो भेंट कर सम्मानित किया गया।
सेरेब्रल पाल्सी जन्मजात दिव्यांगता से ग्रसित बच्चों के अभिभावकों को जागरूक हेतु संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। संगोष्ठी में अभिभावकों को जागरूक हेतु मुंबई से आए विशेषज्ञ डॉ जयदीप ने कहा कि पिछले कुछ सालों से इस बीमारी के इलाज में बहुत अधिक प्रगति हुई है जिसकी वजह से अब 80% से ज्यादा बच्चों को सामान्य जीवन देने में कामयाबी मिल जाती है, बशर्ते इनका इलाज शुरुआती दिनों में अत्याधुनिक तरीकों से किया जाए। दिल्ली से आए वरिष्ठ सेरेब्रल पाल्सी विशेषज्ञ मंसूर आलम ने बताया कि इलाज के तौर तरीके बच्चों की उम्र समस्याओं की तीव्रता एवं प्रभावित अंग पर निर्भर करता है। सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित बच्चों के इलाज में अभिभावकों का बहुत बड़ा योगदान होता है इसके अलावा आजकल लाइलाज मानी जाने वाली बहुत सारे जन्मजात अस्थि रोगों का इलाज भी संभव है। इनाया फाउंडेशन के सचिव डॉ रेशमा कादिर ने इनाया फाउंडेशन के बारे में बताते हुए कहा कि 5 सालों में भारत भर में लगभग 75 से ज्यादा कैंप के जरिए सेरेब्रल पाल्सी और अस्थि रोगों से ग्रस्त 13 सौ से ज्यादा बच्चों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का सफल प्रयास किया गया है। डॉक्टर मोहम्मद कादिर ने बताया कि सेरेब्रल पाल्सी बच्चों में होने वाली दिव्यांगता का एक प्रमुख कारण है जिसकी वजह से बच्चों में चलने फिरने की समस्याओं के साथ-सथ बोलने सुनने में परेशानी एवं बार बार बीमार पड़ने जैसी समस्या भी आती रहती है। या जन्म के दौरान मस्तिष्क के कुछ भाग के क्षतिग्रस्त होने की वजह से होता है। जिसकी संभावना कम उम्र में पैदा हुए बच्चे जन्म के समय जिनका वजन कम हो जन्म के समय बच्चे के ना रोने की अवस्था में ज्यादा होती है। डॉक्टर मोहम्मद कादिर ने यह भी बताया कि आज निशुल्क कैंप में जिस भी बच्चों का रजिस्ट्रेशन हुआ उन दिव्यांग बच्चों की जरूरत को देखते हुए अगर सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है तो सर्जरी हम करेंगे और उपकरण की जरूरत पड़ेगी तो वह भी उपकरण हम निशुल्क उपलब्ध कराएंगे।
विश्व दिव्यांग दिवस को ध्यान में रखते हुए इनाया फाउंडेशन एवं लायंस क्लब इलाहाबाद अनुपम के द्वारा 50 सहायक उपकरण जैसे एल्बोकच, स्टिक वाकर और बैसाखी एवं कान की मशीन का निशुल्क वितरण किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में लायंस क्लब के मंडलाध्यक्ष सी०ए० सौरभ कांत, विशिष्ट अतिथि अजय मेहरोत्रा सतीश श्रीवास्तव, अध्यक्ष डॉक्टर उमा जयसवाल, अध्यक्ष इनाया फाउंडेशन डॉक्टर मोहम्मद कादिर, सचिव सुशील श्रीवास्तव, कोषाधक्ष डॉक्टर रेशमा कादिर, डॉक्टर जया खरे, आर्किटेक्ट विशाल खरे, मो० हसन, प्रभात, कृष्णा, रुपेश, राशिद, सैदान, वकास, अमन, सना, समरीन, सोनाली, तमन्ना, शाइस्ता, जरीन शामिल रहे और सभी का इस निशुल्क शिविर को सफल बनाने में स्टाफ ने अपना सहयोग प्रदान कर अहम भूमिका निभाई।