•   Tuesday, 26 Nov, 2024
Prayagraj The coffin and flowers of the martyr Karbala buried with the pain of seventy two coffins

प्रयागराज बहत्तर ताबूत की दर्दअंगेज़ मंज़रकशी के साथ दफ्न हुए शहीदाने करबला के ताबूत व फूल

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  Varanasi ki aawaz

प्रयागराज बहत्तर ताबूत की दर्दअंगेज़ मंज़रकशी के साथ दफ्न हुए शहीदाने करबला के ताबूत व फूल

अन्जुमन खुद्दामे मोजिज़नुमा के बैनर तले दरियाबाद के इमामबाड़ा जद्दन मीर साहब से निकाले गए बहत्तर शहीदों के ताबूत जुलूस मे देश प्रदेश व शहरवासियों के साथ ग्रामीण इलाक़ो से ज़ियारत को उमड़ा अक़ीदतमन्दों का जनसैलाब

प्रयागराज  दरियाबाद का ऐतिहासिक बहत्तर ताबूत का जुलूस इमामबाड़ा जद्दन मीर साहब से अन्जुमन खुद्दामे मोजिज़नुमा के सद्र रज़ा हसनैन एडवोकेट की क़यादत व नजीब इलाहाबादी के संचालन मे अक़ीदत व ऐहतेराम के साथ निकाल कर मातमी अन्जुमनों के नौहा और मातम के बीच दरियाबाद क़ब्रिस्तान मे रौज़ा ए इमाम हुसैन के पीछे बनाए गए गंजे शहीदाँ मे सुपुर्दे लहद किया गया। प्राताः 9 बजे शुरु हुआ बहत्तर ताबूत के कार्यक्रम में बहलोले हिन्द आफताबे निज़ामत जनाब नजीब इलाहाबादी मुसलसल ग़मगीन अशआरों से माहौल को संजीदा बनाते रहे।जौनपुर के मौलाना इंतेज़ार आब्दी बहत्तर शहीदों का सिलसिलेवार परिचय बता कर उनकी शुजा व बहादुरी के क़िस्से बताते हुए ग़मगीन वाक़ेयात भी बयान करते रहे तो हर एक पल काले परदे के पीछे से एक एक ताबूत निकलते रहे। औन व मोहम्मद के नन्हे नन्हे ताबूत निकले तो अज़ादारों मे रोने और गिरया से कोहराम बरपा हो गया। हज़रत इमाम हुसैन के ताबूत के साथ अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया वा वैला सद वा वैला की सदाएँ बुलन्द करते हुए लोबान की धूनी के साथ ताबूत लेकर हज़ारों शैदाईयों के बीच पहुँची। हर एक शहीद के ताबूत निकलते वक़्त डॉ नायाब बलयावी ,अमन इलाहाबादी ,ग़ुलाम अब्बास ,शहंशाह सोनवी आदि नौहाख्वानों ने पुरदर्द नौहा पढ़ा। सीतापुर के महमूदाबाद की अन्जुमन हैदरी ने क़ाफला ए बनी असद का मंज़र व दफ्ने शोहदाए करबला की दर्दनाक मंज़रकशी की। अन्जुमन मोहाफिज़े अज़ा क़दीम हज़रत अली असग़र के झूले को लेकर क़ब्रिस्तान तक गई। अन्जुमन ज़ैनुल ऐबा रायबरेली ,अन्जुमन असग़रीया मंझनपुर ,अन्जुमन सदक़ा ए ज़हरा करारी कौशाम्बी ,अन्जुमन अब्बासिया दांदूपूर के नौहाख्वानों ने पुरदर्द नौहा पढ़ा तो माहौल मे गिरया ओ ज़ारी से माहौल संजीदा हो गया। फौजे हुसैनी के अलमबरदार ग़ाज़ी अब्बास का विशाल ताबूत ,इमाम हुसैन व जनाबे अली अकबर का ताबूत ,ऊँटों पर रखी जनाबे ज़ैनब उम्मे कुलसूम और अन्य सैदानियों की अमारी भी जुलूस के साथ साथ रही। आकर्षक फूलों से सजा दुलदुल भी ज़ियारत को निकाला गया। मछलीशहर का तीस फिट ऊँचा सफेद फरैरे और तीर और तलवारों से सुसज्जित विशाल पंजे का अलम आकर्षण का केन्द्र रहा लोगों ने ताबूत अलम झूला अमारी व ज़ुलजनाह पर अक़ीदत के फूल चढ़ा कर मन्नत व मुरादें मांगीं। तकरीबन शाम सात बजे सभी तबर्रुक़ात क़ब्रिस्तान पहुँचे तो हज़ारों की संख्या मे देश प्रदेश शहर व ग्रामीण इलाक़ो से ज़ियारत को आए लोगों के बीच अश्कों का नज़राना पेश करते हुए  ताबूत व तबर्रुक़ात पर चढ़े फूलों को सुपुर्दे लहद किया गया। अन्जुमन खुद्दामे मोजिज़नुमा के मीडिया डायरेक्टर सैय्यद अज़ादार हुसैन व सह मीडिया प्रभारी सैय्यद मोहम्मद के मुताबिक़ क़ैदखाना ए शाम की मंज़रकशी मे मौलाना रज़ी हैदर की तक़रीर के बाद अन्जुमन नक़वीया के नौहाख्वानों शाहरुक़ शबी हसन के साथ उनके हमनवाँ साथियों ने पुरदर्द नौहा पढ़ा। क़ैदखाना ए शाम की मंज़रकशी शायर रौनक़ सफीपुरी की क़यादत मे अन्जाम दी गई।

एक सोच संस्था ने लगाया मेडिकल चेकअप और ब्लड जाँच एवं परामर्श शिविर

विधि के छात्रों ने दरियाबाद क़ब्रिस्तान मे एक सोच संस्था के बैनर तले वरिष्ठ डाक्टरों व पैथोलॉजिस्ट की उपस्थिति मे ब्लड शूगर का निशुल्क जाँच शिविर लगाकर अज़ादारों को परामर्श भी दिया। विधि क्षात्र अब्बास हुसैन द्वारा लगाए गए जाँच शिविर मे लगभग 250 लोगों के ब्लड व शूगर की जाँच के साथ ज़रुरी दवाएँ भी वित्रित की गई । अक़ीदतमन्दों के लिए शिविर से ठण्डे शरबत का भी वित्रण किया गया। शुजा अब्बास ,अब्बास हुसैन ,महमूद नक़वी ,आसिफ खान ,आसिम नक़वी ,नंदनी ,अली रज़ा आदि सदस्य अक़ीदतमन्दों की की जाँच मे सहयोग के लिए उपस्थित रहे।

दो दर्जन स्थानो पर होता रहा शरबत पानी मटर चाट के साथ बिरयानी का लंगर

विभिन्न सामाजिक व धार्मिक तन्ज़ीमों की ओर से दिन भर हर दो क़दम पर शरबत ,पानी ,मटर चाट नान्द कीमा व बिरयानी के स्टाल से लोगों को लंगर किया गया।शकील अब्बास ,अरशद नक़वी ,ज़ीशान खान ,महज़र अब्बास ,सफी नक़वी ,आसिफ अमन अब्बास ,वसी हैदर बब्लू ,डॉ क़मर आब्दी आदि द्वारा जगहाँ जगहाँ लगे स्टाल से अज़ादारों को नज़रें इमाम हुसैन तक़सीम किया जाता रहा।

रिपोर्ट- मो रिजवान अंसारी. जिला संवाददाता इलाहाबाद
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