प्रयागराज जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है पुनर्प्राप्त जन्मदिवस सपरिवार सहित रक्तदान कर कैबिनेट मंत्री ने मनाया पुनर्प्राप्त जन्म दिवस
प्रयागराज जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है पुनर्प्राप्त जन्मदिवस सपरिवार सहित रक्तदान कर कैबिनेट मंत्री ने मनाया पुनर्प्राप्त जन्म दिवस
क्यों मनाया जाता है जन्मदिन के रूप में कैबिनेट मंत्री द्वारा पुनर्प्राप्त जन्मदिवस
पुनर्प्राप्त जन्म दिवस मनाने के पीछे का रहस्य : जनपद प्रयागराज 12 जुलाई 2010 का दिन था। वर्तमान में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर शहर के बहादुरगंज में रिमोट कंट्रोल आरडीएक्स बम से हमला हुआ था। हमला इतना जोरदार था कि पूरा शहर दहल उठा था। हर तरफ लोग सहमें और डरे नजर आए थे। इस हमले में सुरक्षा कर्मी और एक पत्रकार को मौत हो गई थी और मंत्री नंद गोपाल नन्दी बम ब्लास्ट में गंभीर रूप से जख्मी हुए थे। हमले के बाद से पूरे प्रयागराज के हजारों समर्थकों और चाहने वालों के स्नेह और आशीर्वाद से चार महीने इलाज के बाद वे स्वस्थ हुए थे। तब से लेकर अब तक प्रत्येक वर्ष मंत्री नंद गोपाल नन्दी 12 जुलाई को अपना 'पुनर्प्राप्त जन्मदिवस' मनाते हैं।
जिस इलाके में आरडीएक्स बम का इस्तेमाल कर कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी को मौत के घाट उतारने की साजिश रची खून से लथपथ थी गली वा सड़के , उसी इलाके में मंगलवार 12 जुलाई 2022 को मंत्री नन्दी ने शिविर लगाकर सापरिवार सहित रक्तदान कर एक अनुठा संदेश दिया। रक्तदान शिविर का आयोजन कर सबसे पहले शिविर में कैबिनेट मंत्री नंदी, पत्नी महापौर अभिलाषा गुप्ता नन्दी, पुत्र अभिषेक गुप्ता, पुत्री जान्हवी गुप्ता के साथ रक्तदान किया।
इस दौरान बड़ी संख्या में उनके समर्थकों ने भी रक्तदान किया।
मंत्री नंदी ने रक्तदान कर दिया संदेश
कैबिनेट मंत्री ने सपरिवार रक्तदान करने के साथ ही सभी से आग्रह किया कि लोगों के हित में सभी स्वस्थ लोगों को समय समय पर रक्तदान करते रहना चाहिए। यह आयोजन इसीलिए किया गया है कि प्रयागराज जनपद के ब्लड बैंक में रक्त की कमी न रहे। प्रत्येक व्यक्ति को अपने जन्मदिन, सालगिरह व अन्य प्रमुख आयोजनों पर रक्तदान करना चाहिए। इससे दूसरे लोगों को प्रेरणा मिलेगी। वास्तव में आप का रक्त दूसरे के लिए जीवन दान है। इससे बड़ा कोई और दान नहीं हो सकता।
संघर्ष भरा रहा परिवारिक जीवन
प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से विधायक एवं कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी का जीवन शुरू से चुनौतियों भरा रहा। इलाहाबाद के बहादुरगंज मुहल्ले में 23 अप्रैल 1974 को जन्मे नन्दी के पिता सुरेश चंद्र डाक विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। मां विमला देवी घर में सिलाई, बुनाई करती थीं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते नंदी सिर्फ इंटरमीडिएट तक ही पढ़ सके। वह बचपन में पटाखा, रंग-गुलाल की दुकान लगाते। मोहल्ले में सबसे पहले उनके घर में टेलीविजन आया तो बच्चों को पचास पैसे में उन्होंने महाभारत भी दिखाई। आर्थिक स्थिति सुधरने पर 1992 में मिठाई की दुकान लगाई। इसके बाद ट्रक लिया और फिर घी और दवाओं की एजेंसी ली। 1994 में रिश्तेदार के साथ ईट भट्टे का बिजनेस शुरू किया। आर्थिक रूप से सुदृढ़ होने पर नन्दी ग्रुप ऑफ कंपनीज बना ली।
मंत्री नंदी इसलिए मनाते हैं पुनर्प्राप्त जन्मोत्सव
यूपी के कैबिनेट मंत्री नंदी पर आज ही के दिन यानी 12 जुलाई 2010 को 12 वर्ष पूर्व रिमोट कंट्रोल आरडीएक्स बम से हमला किया गया था। उनके सुरक्षाकर्मी व एक पत्रकार की मौत हो गई थे, जबकि नंदी गंभीर रूप से जख्मी हुए थे। कई महीने इलाज के बाद वे स्वस्थ हुए। तभी से यह दिन उनके जीवन में अहम बन गया।
रक्तदान शिविर में स्वरूपरानी मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक, कालविन ब्लड बैंक बेली ब्लड बैंक की टीम के साथ ही रक्त संकल्प, रोटरी क्लब ऑफ इलाहाबाद, ब्लड फॉर यूनिटी संस्था का विशेष सहयोग रहा। विभिन्न कंपनियों ने रक्तदाताओं को उपहार दिए।
मनोकामना पूर्ति मंदिर से है अटूट आस्था
गौरतलब है कि 12 जुलाई 2010 में बहादुरगंज के इसी मंदिर के सामने नंदी पर बम ब्लास्ट हुआ था। वह गंभीर रूप से जख्मी हुए थे। लंबे इलाज के बाद वह स्वस्थ हुए थे। आज वो यहां तक पहुंचे हैं और जीवित हैं तो इसी मंदिर की वजह से। उनका इस मंदिर और शंकर भगवान में अटूट आस्था है, मंत्री ने बताया कि उसके बाद से ही हर साल वो 12 जुलाई को वो अपना 'पुनर्प्राप्त जन्मदिवस' मनाते हैं।