•   Wednesday, 27 Nov, 2024
Seminar on Kishan Patnaiks death anniversary emphasis on protection of democracy and constitution

किशन पटनायक की पुण्यतिथि पर संगोष्ठी लोकतंत्र और संविधान की सुरक्षा पर जोर

Generic placeholder image
  Varanasi ki aawaz

किशन पटनायक की पुण्यतिथि पर संगोष्ठी लोकतंत्र और संविधान की सुरक्षा पर जोर

प्रयागराज। नागरिक समाज और लोहिया विचार मंच के संयुक्त तत्वाधान में संकल्प लाल मेमोरियल ट्रस्ट, इलाहाबाद में समाजवादी चिंतक किशन पटनायक की पुण्यतिथि पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता चर्चित वरिष्ठ पत्रकार अशोक वानखेड़े रहे, जबकि इंदौर से आए वरिष्ठ पत्रकार अनिल जैन ने भी अपने विचार साझा किए।

सभा की शुरुआत नागरिक समाज के संयोजक द्वारा मंच पर अतिथियों के स्वागत से हुई, जिसमें उन्होंने नागरिक समाज की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। लोहिया विचार मंच के संयोजक  विनय सिन्हा ने किशन पटनायक के व्यक्तित्व और उनके समाजवादी योगदान पर चर्चा की। कार्यक्रम में खराब स्वास्थ्य के बावजूद नागरिक समाज के संरक्षक रवि किरण जैन की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

वरिष्ठ समाजवादी नेता श्याम कृष्ण पांडे ने किशन पटनायक के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए उनके समाजवादी आदर्शों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 1977 में पटनायक ने जनसंघ के कारण जनता पार्टी में शामिल होने से इनकार कर दिया था। उनका मानना था कि समाजवादियों को जनसंघ से समझौता नहीं करना चाहिए।

वरिष्ठ पत्रकार अनिल जैन ने अशोक वानखेड़े के व्यक्तित्व पर चर्चा की, जबकि वानखेड़े ने विस्तार से वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर बात की। उन्होंने संविधान और लोकतंत्र पर हो रहे हमलों पर चिंता जताते हुए कहा कि मौजूदा सरकार के सत्ता में आने के बाद पत्रकारों को मुखर होकर आगे आना पड़ा है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान पर संकट मंडरा रहा है और 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता ने यह साबित कर दिया कि वे मूर्ख नहीं हैं।

 वानखेड़े ने चुनावी धांधलियों, अल्पसंख्यकों के शोषण, किसानों की समस्याओं और आर्थिक असमानता पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार केवल अडानी और अंबानी के विकास में लगी है, जबकि 70% जनता सरकारी अनाज पर निर्भर है। उन्होंने देश की न्यायपालिका, संविधान और लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए जनता को जागरूक होने का आह्वान किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शाहनवाज कादरी ने धर्म और संविधान की सुरक्षा पर जोर दिया और किशन पटनायक को श्रद्धांजलि अर्पित की। सभा के अंत में वरिष्ठ समाजवादी चिंतक नरेश सहगल ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

इस अवसर पर सैकड़ों गणमान्य नागरिक और विचारक उपस्थित थे, जिनमें अनुग्रह नारायण सिंह, हरिश्चंद्र द्विवेदी, गौहर रजा, डॉक्टर आशीष मित्तल, इरशाद उल्ला और कामरेड गायत्री गांगुली प्रमुख रहे।

रिपोर्ट- मो रिजवान अंसारी. जिला संवाददाता इलाहाबाद
Comment As:

Comment (0)