कावड़ लेकर निकले करैलाबाग से काशी की ओर शिव भक्त
कावड़ लेकर निकले करैलाबाग से काशी की ओर शिव भक्त
प्रयागराज:- हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुरुआत 22 जुलाई को हुई थी। इस साल भी, सावन के दूसरे सोमवार के बाद, थाना करैली क्षेत्र के करैलाबाग बालू मंडी से हजारों शिव भक्त काशी विश्वनाथ कांवड़ पदयात्रा में शामिल हुए। नव युवक कावड़िया संघ कमेटी द्वारा स्थापित भगवान शिव की प्रतिमा की विधि-विधान से पूजा अर्चना की प्रयागराज के महापौर गणेश केसरवानी ने । इसके बाद, कावड़ियों का जत्था अपने गंतव्य की ओर रवाना हुआ।
भगवान शिव की झांकी के जुलूस में शामिल शिव भक्त डीजे की धुन पर थिरकते हुए जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों की सड़कों से होते हुए संगम नगरी के दारागंज क्षेत्र स्थित दशाश्वमेध घाट पर पहुंचे। यहां पर उन्होंने गंगा नदी का जल
दशाश्वमेध शिव मंदिर में चढ़ाया और उसी जल को लेकर वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर निकले। सावन माह में प्रयाग के आसपास के शिव मंदिरों में कावड़िया गंगा जल लेकर जाते हैं।
करैलाबाग से निकली कावड़ यात्रा में शामिल कावड़ियों के लिए जगह-जगह जलपान की व्यवस्था की गई थी। सुरक्षा की दृष्टि से थाना करैली प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार मौर्य के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात था। जुलूस में एक आकर्षण का केंद्र रहा दो पहिया वाहन पर नदी का स्वरूप और उस पर स्थापित कृष्ण का बालपन व शिवलिंग। इसे देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। इस बीच जिला अपराध निरोधक और एंटी करप्शन के सदस्य निस्वार्थ भाव से सुरक्षा व्यवस्था में लगे रहे।
थाना करैली पुलिस बल की निगरानी में कावड़ियों का जुलूस दारागंज दशाश्वमेध घाट पहुंचा। शिव की झांकी की देखरेख कर रहे कुंवर जी निषाद ने बताया कि करैलाबाग से हजारों की संख्या में लोग इस जत्थे में शामिल हैं। वे पैदल यात्रा करते हुए वाराणसी जाकर शिव मंदिर में जल चढ़ा कर अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए पूजा अर्चना करेंगे और फिर प्रयागराज वापस लौटेंगे। इसके कुछ दिनों बाद करैलाबाग इलाके में भव्य भंडारे का आयोजन किया जाता हैं।
रिपोर्ट- मो. रिजवान.. प्रयागराज