सोनभद्र गाँजा की तस्करी में नम्बर एक बना जिला वर्तमान जिला प्रशासन जान बूझकर बनी मुक दर्शक


सोनभद्र गाँजा की तस्करी में न.1 बना जिला वर्तमान जिला प्रशासन जान बूझकर बनी मुक दर्शक
सोनभद्र, केंद्र सरकार और राज्य सरकार की छवि धूमिल किया जा रहा है। इस विषय की सूचना सरकार तक नहीं पहुंचाई जा रही है कारण की जिले में भ्रष्ट नेता अपने पावर और पैसे के दम पर सत्ता में आ गए जिसका नतीजा यह है कि शासन और प्रशासन की नजर में धूल झोंक कर पूरे जनपद में हो रहा है नशे का व्यापार यह एक विकट समस्या है की आखिर किसके इशारे पर हो रहा है जिले में नशे का कारोबार ।
शासन प्रशासन या भ्रष्ट नेताओं के चलते यह एक पहेली बन कर रह गई है।
सोनभद्र जिले में अवैध तरीके से गाजा चरस हीरोइन विगत 35 वर्षों से अधिक समय से बिक रही है जिस पर लगाम पिछली सरकार भी ना लापायी न वर्तमान ही तो इसमें सरकार किसकी अच्छी थी यह भी एक प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है? वर्तमान सरकार और जिला प्रशासन सोनभद्र आज भी फेल है।
इस जिले के युवा गरीब तथा किसान मजदूरों के बच्चे 70% से अधिक नशे के जद में आ चुके हैं जिसके वजह से न जाने कितनों घरों की जिंदगी बर्बाद हो रही है आखिर इसका जिम्मेदार कौन?
क्योंकि जिन घरों के पुत्र नशे के शिकार हो गए उन घरों की जिंदगी पूरी तरह बर्बाद हो गई चाहे यह लत गार्जियन पकड़े या पुत्र दोनों पर यही बात सिद्ध होती है।
जिले के हर चट्टी चौराहों पर खुलेआम बिकती है गांजा तथा हीरोइन जिसमें सूत्रों से पता चला है की घोरावल विधानसभा क्षेत्र में हिंदूवारी तथा केकराही एरिया में कुछ नाम चर्चित है जो निम्न है जैसे कर्मा, रामगढ़ मधूपूर , फुलवारी , इतना ही नहीं घोरावल विधानसभा में लगभग 25 ऐसी जगह है जो किसी मुन्ना पटेल के अंडर में चट्टी चौराहों सहित कुछ गांव में भी बिक्री कराई जा रही है यह महोदय घोरावल विधानसभा क्षेत्र के गाजा व्यवसाय के किंग भी कहे जाते हैं ।इतना ही नहीं केकराही और उरमौरा गांव में राधे नाम की भी बड़ी चर्चा है ।इसी तरह शक्तिनगर मारकुंडी रेणुकूट या यह कह लीजिए कि ऐसे कई भी चट्टी या बाजार जनपद के वंचित नहीं हैं की जहां पर भांग के आड़ में गांजा की बिक्री ना हो रही हो फिर भी जिले के आला अधिकारी आखिर मौन क्यों हैं यह भी एक प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।
अगर समय रहते इस पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो जिला का हर बच्चा आने वाले दिनों में नशे का शिकार मिलेगा जो कि हमारे देश के भविष्य हैं वर्तमान सरकार सहित प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध है अगर इस पर रोक नहीं लगाया गया तो आने वाला समय कितना भयावह होगा यह सरकार भी परिकल्पना नहीं कर सकती है ।आखिर साफ-सुथरी भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का नारा देने वाली जनप्रिय वर्तमान बीजेपी सरकार भी क्यों फेल हो रही है। इसका सीधा श्रेय सरकार के अंडर में कार्यरत वर्तमान प्रशासन और नेताओं को जाता है जो सरकार तक इन बातों को नहीं पहुंचा पा रहे यह भी एक प्रश्न चिन्ह ही खड़ा कर रहा है कि ऐसा क्यों हो रहा है।
ऐसे गंभीर विषय को देखते हुए भी पुलिस और नेताओं का क्या लाभ है जो देश हित हेतु कटिबद्ध संकल्पित होते हुए भी इसके विपरीत नजर आ रहे हैं यह आम जनमानस की पुकार है कि सरकार इसको संज्ञान में लेकर ऐसे भ्रष्ट लोगों के ऊपर उचित कड़ी से कड़ी कार्यवाही करें कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति करने वाले सौ बार सोचे।

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