•   Monday, 14 Apr, 2025
Sonebhadra For natural change a person s soul change is necessary

सोनभद्र प्राकृतिक परिवर्तन के लिए व्यक्ति की आत्मीय परिवर्तन जरूरी है

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  Varanasi ki aawaz

सोनभद्र प्राकृतिक परिवर्तन के लिए व्यक्ति की आत्मीय परिवर्तन जरूरी है


सोनभद्र , म्योरपुर के अति पिछड़ा ग्राम काचन में कार्यक्रम के दौरान विश्व पर्यावरण दिवस पर चर्चा की गई की मनुष्य ही नहीं बल्कि जीव के चारों ओर का वातावरण मनुष्य और जीव के अनुकूल होना चाहिए, लेकिन मनुष्य स्वयं और परिवार का ही वातावरण अनुकूल बनाने के लिए ही काम कर रहा है, जिसका परिणाम वर्तमान में देखा जा सकता है, यदि समय रहते मनुष्य संग सरकार की नियत में बदलाव नहीं हुआ तो आने वाला परिणाम और भी भयानक होने वाला है, समझने के लिए भक्ति विहीन तर्क अनुसार वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाना होगा, वर्तमान में जिस तरह जंगल को काटकर शहर को जंगल बनाने के लिए काम चल रहा है, नदी को तोड़कर नहर जैसी नदी बनने का काम चल रहा, बोतल बंद पानी में प्लास्टिक मिलने पर जोर दिया जा रहा है, जमीन के अंदर कैमिकल युक्त पानी को भेजा जा रहा है, सुरक्षा निगरानी के सरकारी पदों को खत्म किया जा रहा है, तर्क संगत विचार रखने वालों पर हमला किया जा रहा है, इससे आने वाला भविष्य का निर्माण नहीं बल्कि भविष्य नष्ट हो रहा है, झूठी तारीफ और सम्मान कभी आत्म निर्भर नहीं बनाता है बल्कि आत्म के निर्माण पर प्रतिबंध लगाकर आत्मा को दूषित कर नष्ट कर देता है। इस तरह के वक्तव्य  बभनी ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि राजन सिंह , रिंकू सिंह, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य चांद प्रकाश जैन, धीरेंद्र प्रताप सिंह, शशांक सिंह, शंभू नाथ खरवार ,मनीष ,विष्णु ,बेचू राम गोड़ म्योरपुर के काचन ग्राम में उपस्थित होकर विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहे इतना ही नहीं विश्व पर्यावरण के उपलक्ष में प्रकृति को संवर्धन के लिए संरक्षण की आवश्यकता है ।
अगर ऐसा नहीं किया गया तो बहुत जल्द ही प्राकृतिक दोहन के वजह से संपूर्ण विश्व रसातल में चला जाएगा जिसका पूरा और पूरा श्रेय हम आम जनमानस का होगा।
 जो प्रकृति से बहुत कुछ लेते हैं लेकिन इसकी सुरक्षा और संवर्धन से कतराते हैं यह तभी संभव है जब संपूर्ण भारतवासी अपने जीवन काल में अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं और उनकी रक्षा करें।

रिपोर्ट-श्रीराम शुक्ला. सोनभद्र
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