Ujjwal Raman Singhs historic victory in Allahabad Lok Sabha seat Congress created history after 40 years
उज्जवल रमन सिंह की ऐतिहासिक जीत इलाहाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने 40 साल बाद रचा इतिहास
यूपी प्रयागराज, उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद लोक सभा सीट पर इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के उज्जवल रमन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार नीरज त्रिपाठी को कड़े मुकाबले में 58795 वोटों से हराकर जीत हासिल की है। यह जीत न केवल कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि इसे इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र में पार्टी के लिए एक ऐतिहासिक जीत के रूप में भी देखा जा रहा है। इलाहाबाद में कांग्रेस को वर्ष 1984-85 में हुए चुनाव के बाद से लगातार हार का सामना करना पड़ रहा था। उज्जवल रमन सिंह की इस जीत ने इस क्रम को तोड़ने में सफलता प्राप्त की है।
इस चुनाव में दोनों प्रमुख दलों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। उज्जवल रमन सिंह और नीरज त्रिपाठी के बीच मुकाबला अंत तक बहुत ही रोमांचक रहा। चुनावी रुझानों के दौरान कभी उज्जवल सिंह आगे रहते तो कभी नीरज त्रिपाठी। हालांकि, अंतिम नतीजों ने स्पष्ट किया कि उज्जवल रमन सिंह ने 58795 वोटों के महत्वपूर्ण अंतर से जीत दर्ज की है।
जैसे ही उज्जवल रमन सिंह की जीत की घोषणा हुई, इलाहाबाद के लोगों को 40 साल पहले का वह दौर याद आया जब प्रसिद्ध अभिनेता अमिताभ बच्चन ने इसी सीट से चुनाव लड़ा था और जीत का परचम लहराया था। उस समय कांग्रेस ने इलाहाबाद में एक बड़ी जीत हासिल की थी। इस बार की जीत ने उन सुनहरे दिनों की यादें ताजा कर दीं।
1984-85 के बाद से कांग्रेस को इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र में लगातार हार का सामना करना पड़ा। इस क्षेत्र में बीजेपी और अन्य दलों का वर्चस्व बढ़ता गया। उज्जवल रमन सिंह की इस जीत ने कांग्रेस के लिए एक नई उम्मीद जगाई है। उनकी इस जीत ने न केवल पार्टी के मनोबल को बढ़ाया है बल्कि आने वाले चुनावों के लिए भी कांग्रेस को एक नई दिशा दी है।
उज्जवल रमन सिंह की इस जीत के पीछे उनके पिता और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता कुं. रेवती रमन सिंह की रणनीति का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। कुं. रेवती रमन सिंह ने अपने राजनीतिक अनुभव और जनसंपर्क के माध्यम से अपने बेटे के लिए समर्थन जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन ने उज्जवल रमन सिंह को इस महत्वपूर्ण जीत तक पहुंचाने में मदद की। अब जब उज्जवल रेवती रमन सिंह ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, उनके सामने कई चुनौतियाँ हैं। उन्हें जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा।
उज्जवल रमन सिंह की जीत के बाद कांग्रेस समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। पार्टी कार्यालयों और विभिन्न स्थानों पर समर्थकों ने जश्न मनाया, मिठाइयां बांटी और आतिशबाजी की। इस जीत ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी प्रेरित किया और उन्हें आने वाले चुनावों के लिए तैयार किया।
उज्जवल रमन सिंह की इस ऐतिहासिक जीत ने इलाहाबाद की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। यह जीत न केवल उज्जवल सिंह की मेहनत और उनके पिता की रणनीति का परिणाम है, बल्कि यह इलाहाबाद की जनता के विश्वास और समर्थन का भी प्रतीक है।
रिपोर्ट- मो रिजवान अंसारी. जिला संवाददाता इलाहाबाद