साइबर जागरुकता सेमिनार पावर जनरेशन कंपनी में अधिकारियों और महिलाओं को साइबर क्राइम से बचाव की जानकारी प्रदान की गई
साइबर जागरुकता सेमिनार पावर जनरेशन कंपनी में अधिकारियों और महिलाओं को साइबर क्राइम से बचाव की जानकारी प्रदान की गई
प्रयागराज। वाराणसी की आवाज। पुलिस आयुक्त और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रयागराज के निर्देशन में चलाए जा रहे साइबर जागरुकता अभियान और मिशन शक्ति 4.0 विशेष अभियान के तहत रविवार को एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया गया। यह सेमिनार पावर जनरेशन कम्पनी, बारा, प्रयागराज में आयोजित किया गया था, जिसमें कंपनी के अधिकारियों और महिलाओं को साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरुक किया गया।
इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य डिजिटल अरेस्ट, ऑनलाइन ट्रेडिंग, शेयर बाजार में निवेश के नाम पर होने वाले फ्रॉड, और ब्लैकमेलिंग के नाम पर पैसे की ठगी जैसे साइबर अपराधों के बारे में जानकारी प्रदान करना था। सेमिनार में उपस्थित लोगों को बताया गया कि इन अपराधों से कैसे बचा जा सकता है और यदि कोई व्यक्ति साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाता है तो उसे क्या कदम उठाने चाहिए।
पुलिस उपायुक्त नगर और अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध) व सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) के पर्यवेक्षण में आयोजित इस सेमिनार में क्राइम ब्रांच की साइबर सेल टीम ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। टीम में शामिल उप निरीक्षक विनोद कुमार साइबर सेल प्रभारी, कांस्टेबल आ0 ग्रेड ए जय प्रकाश सिंह, और कांस्टेबल आशीष यादव ने लोगों को साइबर अपराधों से बचने के उपायों के बारे में विस्तार से बताया।
सेमिनार में लोगों को यह भी समझाया गया कि साइबर अपराध के शिकार होने पर उन्हें तत्काल क्या करना चाहिए। किसी भी साइबर फ्रॉड की स्थिति में लोगों को तुरंत 1930 पर कॉल करने और www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। टीम ने लोगों को यह भी बताया कि कैसे वे अपनी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं और साइबर अपराधियों से बच सकते हैं।
डिजिटल अरेस्ट के बारे में जानकारी देते हुए टीम ने बताया कि यह एक नई तकनीक है जिसका उपयोग साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए किया जाता है। इस तकनीक का उपयोग करके पुलिस अपराधियों की डिजिटल गतिविधियों को ट्रैक कर सकती है और उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। ऑनलाइन ट्रेडिंग और शेयर बाजार में निवेश के नाम पर होने वाले फ्रॉड के बारे में चेतावनी देते हुए टीम ने बताया कि कैसे फर्जी वेबसाइटों और ईमेल के माध्यम से लोग धोखाधड़ी का शिकार बन सकते हैं। टीम ने लोगों को सचेत रहने और केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही निवेश करने की सलाह दी।
ब्लैकमेलिंग के नाम पर पैसे की ठगी के बारे में जानकारी देते हुए टीम ने बताया कि कैसे अपराधी व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग करके लोगों को ब्लैकमेल करते हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह की स्थिति में लोगों को डरने के बजाय तुरंत पुलिस की मदद लेनी चाहिए और मामले की रिपोर्ट करनी चाहिए।
साइबर जागरुकता अभियान के अंतर्गत आयोजित इस सेमिनार में भाग लेने वाले अधिकारियों और महिलाओं ने पुलिस की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस सेमिनार के माध्यम से उन्हें साइबर अपराधों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है और वे अब इनसे बचने के लिए सतर्क रहेंगे।
सेमिनार के अंत में साइबर सेल टीम ने प्रतिभागियों के सवालों के जवाब दिए और उन्हें किसी भी प्रकार की साइबर अपराध की स्थिति में पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी। टीम ने यह भी बताया कि भविष्य में भी इस तरह के सेमिनार आयोजित किए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक लोगों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया जा सके।
रिपोर्ट- मो रिजवान अंसारी. जिला संवाददाता इलाहाबाद