•   Wednesday, 21 May, 2025
In memory of the 72 martyrs of Karbala there was a lot of mourning in Makhdoomabad Launda village on

कर्बला के 72 शहीदों की याद में यौमे आशुरा पर मख़दूमाबाद लौंदा गांव में खूब हुआ मातम

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  Varanasi ki aawaz

कर्बला के 72 शहीदों की याद में यौमे आशुरा पर मख़दूमाबाद लौंदा गांव में खूब हुआ मातम

चन्दौली:- मुहर्रम की 10वीं तारीख यौमे आशुरा के मौके पर जिले भर में सोमवार व मंगलवार को ताजिया, दुलदुल, ताबूत एवं मातमी जुलूस निकाला गया। गमजदा माहौल में ताजियों को प्रमुख स्थानों पर मातम के बाद कर्बला में सिपुर्दे खाक किया गया। जुलूस के मद्देनजर प्रशासन ने तैयारियां पूरी हैं। दो साल तक कोरोना संक्रमण होने के कारण मुहर्रम का जुलूस नहीं निकल सका था। इस बार जुलूस में अकीदतमंदों की संख्या अधिक है। जिले की ताजियादारी देश भर में मशहूर है। 

वहीं अलीनगर थाना क्षेत्र के मख़दूमाबाद लौंदा गांव में मंगलवार को अंजुमन जौवादियां की ओर से मुहर्रम मनाया गया। मुहर्रम कर्बला के 72 शहीदों की याद में किया जाता है। ये कोई पर्व नहीं, बल्कि एक इंसानियत के लिए संदेश है। जो इमाम हुसैन ने कर्बला में आतंक फैलाये हुए यजीद के खिलाफ़ जंग की थी और अपने बहत्तर साथियों के साथ शहीद हो गये। गांव में मुहर्रम का जुलूस सोमवार शाम सगीर दादा के दरवाजे से ताजिया व अलम के साथ उठाया गया। जिसमें अजादार इमाम हुसैन की शहादत के गम में नौहाखानी व मात कर माहोल को गमगीन कर दिया।

वहीं मंगलवार को दोपहर बाद परवेज़ अहमद 'लाडले', अशरद जमाल पप्लू, आसिफ़ इकबाल, हाजी कशीमुद्दीन, तमशीर मिल्की 'सिब्बल' मो आकिब, मुख्तार अप्पू, फैज कैशपी आदि ने जब नौहा को पढ़ा तो वहां पर सैकड़ों की तायदात में खड़े जायरीन रो पड़े। 

नेजामत कर रहे हाजी नुरूल हक ने कहा कि पैगंबरे इस्लाम के नाती इमाम हुसैन ने अपनी जान देकर इस्लाम को बचाया। यह क़यामत तक क़ायम रहेगी। उस समय के शासक यजीद ने इमाम हुसैन के परिवार सहित 72 साथियों को शहीद कर दिया था। अंत मे इमाम हुसैन का भी सिर धड़ से अलग कर दिया, फिर भी वह हार गया। इमाम हुसैन की इसी अजीम कुर्बानी पर शाबये बयाज परवेज़ अहमद लाडले ने कहा है कि इस्लाम जिंदा होता है हर कर्बला के बाद।

इस मौके पर संरक्षक खुर्शीद प्रधान, कमेटी अध्यक्ष आसिफ़ इकबाल, उपाध्यक्ष अशरफ जमाल राजू, कोषाध्यक्ष तुफैल राजू, एखलाक अहमद लख्खू, नन्हे नेता, अफरोज छोटे, अधिवक्ता फिरोज अहमद, पप्‍लू प्रधान, एमडी इंसाफ, फरहान अहमद पत्रकार, सद्दाम हुसैन, वसीम मिल्की, तारिक अली, फैजान साबरी, हारीस, मामून, मोजीब मिल्की बाबू आदि लोग रहे।

रिपोर्ट- फरहान अहमद. संवाददाता वाराणसी
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