वाराणसी श्रावण पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर बाबा विश्वनाथ की रजत प्रतिमा का तिरंगा श्रृंगार महंत आवास पर किया गया


पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर शिव का तिरंगा श्रृंगार
वाराणसी श्रावण पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर बाबा विश्वनाथ की रजत प्रतिमा का तिरंगा श्रृंगार महंत आवास पर किया गया
टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर बाबा का तिरंगा श्रृंगार अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में हुआ। बाबा के सिंहासन के पीछे खादी का विशाल तिरंगा सुसज्जित किया गया बाबा का शृंगार सफेद हरे और केसरिया रंग के फूलों से करके तिरंगे की आभा स्थापित की गई।
बाबा की पंचबदन रजत प्रतिमा के साथ ही प्रतिष्ठित देवी पार्वती और भगवान गणेश को पारंपरिक वस्त्र धारण कराए गए। इन वस्त्रों के साथ उन्हें अंगवस्त्रम के रूप में तिरंगे की पट्टी धारण कराई गई। पं. संजीवरत्न मिश्रा द्वारा बाबा का शृंगार किए जाने के उपरांत विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ कुलपति तिवारी ने बाबा का षोडशोपचार पूजन किया। पूजन के दौरान उन्होंने भारत के पुनः विश्वगुरु आसन पर प्रतिष्ठित होने की कामना की। डॉ कुलपति तिवारी ने पूजन के उपरांत कहा कि राष्ट्रधर्म के प्रति देश के जन-जन को प्रेरित करने के लिए यह श्रृंगार उत्सव किया जा रहा है। जो व्यक्ति अपने राष्ट्र धर्म का पालन नहीं करता उसे देवाधिदेव महादेव की कृपा भी कभी प्राप्त नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि तीनों लोक के स्वामी देवाधिदेव महादेव की कृपा से विश्व को कोरोना महामारी से राहत मिली है। यह महामारी जड़ से समाप्त हो और इसे जड़ से समाप्त करने में भारत पूरे विश्व का नेतृत्व करें यह विशेष कामना भी बाबा से की गई। पूजन के उपरांत काशी के चर्चित एवं स्थापित लोक कलाकारों द्वारा भगवान भोलेनाथ को कजरी का श्रवण कराया गया पागल बाबा अनुराधा सिंह एवं पूनम श्रीवास्तव ने पारंपरिक तथा स्वरचित कजरियों का गायन किया। इन कलाकारों ने 'शिवजी सावन में काशी बोलाय ला, किरपा बरसाए दा ना', 'भोले बाबा क नगरिया रे हारी',' 'अबकि सावन में काशी घुमाय दा, शिव दर्शन कराए दा ना','भोले बाबा का महिमा अपार बाय चढ़ल गंगा कपार बाय ना',‘गंगा जी के पश्चिम नगरिया काशी रे हारी’,‘बाबा विश्वनाथ क काशी में धाम बाय, जग में बड़ा नाम बाय ना’,‘भोले बाबा के सगरों बखान बाय, महिमा महान बाय ना’,‘काशी भोले क नगरिया बेमिसाल बाय’ का गायन कर शिवभक्तों को आनंदित किया। ढोलक पर सनी, तबला पर मोतीलाल, आर्गन संदीप, पैड पर सूरज ने संगत की।

छोटा मिर्ज़ापुर माँ वैष्णों मंदिर श्री राम केवट प्रेम कथा के समापन पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे के आयोजन के दौरान कस्बे के सैकड़ो श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया
